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"अपने सपनों की दौड़: कंचन देवी की सफलता की कहानी"



नाम: कंचन देवी

पति का नाम: नन्दलाल

स्थान: कुसुमपुर पहाड़ी

आयु: 32

 

कंचन का जन्म उत्तरप्रदेश के इलाहबाद जिले में हुआ था। उनका परिवार मुंबई रोजगार की तलाश में आया था। उन्होंने 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई की थी और 2008 में उत्तर प्रदेश में ही शादी की। कंचन के 6 भाई और बहन हैं, जिनमें सबसे छोटी से बड़ी बहन है।

 



कंचन और उनके पति को शुरुआत में काम ढूंढने में काफी मुश्किलें आईं, परंतु कुछ समय बाद उन्होंने सिलाई का काम शुरू किया। अब कंचन अपने पति को घर चलाने में मदद करती हैं। उनके 3 बच्चे हैं, 1 बेटी और 2 बेटे।

 

कंचन को घर चलाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, जिससे कर्ज भी बढ़ गया है। उनके गाँव के घर में किसी प्रकार की सुविधा नहीं है, जिससे वे गाँव जाना पसंद नहीं करती हैं। कंचन के पास शौचालय भी नहीं है, और उनके साथ छोटा सा घर है, जिससे वे गाँव वाले घर में रहने में काफी परेशानी होती है।

 

शुरूआती दौर में कंचन को काम करने में काफी रोकटोक थी परन्तु अब कंचन के कार्य की परिवार  वाले काफी सराहना करते है |

लेकिन अब कंचन अपनी मेहनत और साहस से एक सफल उदाहरण बन गई हैं। वह स्वयं सहायता समूह का हिस्सा हैं, और अपनी कमाई से बचत कर रही हैं। उन्होंने अनेक जगहों पर कार्यशालाओं में भाग लिया है और कुछ नया सीखा है। 4B फाउंडेशन के साथ जुड़कर, कंचन अब खुश हैं और अन्य महिलाओं को भी प्रेरित कर रही हैं।

 

कंचन देवी की यह कहानी हमें यह सिखाती है कि मुश्किलों का सामना करके, मेहनत और आत्मविश्वास से, हम सफलता की ऊंचाइयों को छू सकते हैं।

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