मीनाक्षी एक गरीब और दलित परिवार से है, जो दिल्ली के कुसुमपुर पहाड़ी गाँव में रहती है। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी में M.A. की शिक्षा प्राप्त की है। उनके पास 5 बहनें और एक भाई थे, जो अपने शादी के बाद से ही अपने परिवार के साथ अलग रहते थे। फिर उनके भाई की अचानक मौत हो गई और 4 बहनों की शादी हो चुकी है।
मीनाक्षी के पिताजी को लकवा हो गया था और कुछ समय बाद पिता की मौत हो गई। मीनाक्षी की मां को भी लकवा है और वह चलने-फिरने में परेशान हैं। मीनाक्षी ने अपनी मां की देखभाल की है, लेकिन उन्होंने बड़ी मुश्किलों और परेशानियों से जीवन यापन किया है।
परन्तु मीनाक्षी बहुत मेहनती और जुझारू हैं। उन्हें कई बार शादी का प्रस्ताव आया, परन्तु घर की आर्थिक स्थिति और मां की जिम्मेदारी के कारण शादी नहीं हो पाई।
मीनाक्षी ने स्वयं को सशक्त बनाते हुए कई संस्थाओं में काम किया है। उन्होंने 4B फाउंडेशन में भी काम किया, जहाँ उन्हें हमेशा प्रोत्साहित किया गया। अब मीनाक्षी ने स्वयं का जनरल स्टोर खोल लिया है, ताकि वह मां से अलग न होना पड़े।
4B फाउंडेशन में रहकर मीनाक्षी ने अधिकारों पर ट्रेनिंग ली और व्यवसाय कैसे किया जाता है, इसकी भी ट्रेनिंग मिली। अब मीनाक्षी अपने जनरल स्टोर से सही तरीके से जीवन यापन कर पा रही है और आगे की शिक्षा के लिए भी प्रयास कर रही है।
मीनाक्षी अपनी जैसी लड़कियों को 4B फाउंडेशन से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करती रहती हैं और उन्हें संस्था से मिली ट्रेनिंग और प्रोत्साहन के बारे में भी बताती हैं, ताकि मीनाक्षी जैसी सुविधा उन सभी को मिल सके।
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